कांग्रेस में अंतर्कलह पर नेताओं की दिल्ली दौड़, आज खुलेगी ‘मन की बात’

कांग्रेस में अंतर्कलह पर नेताओं की दिल्ली दौड़, आज खुलेगी ‘मन की बात’

चंडीगढ़
कांग्रेस हाईकमान ने पंजाब कांग्रेस की अंतर्कलह को तीन दिन में निपटाने की योजना बना ली है। इस बाबत गठित तीन सदस्यीय समिति ने रविवार को पंजाब के करीब 25 विधायकों-मंत्रियों को दिल्ली बुला लिया है। इन सभी के साथ आज बातचीत की जाएगी। मीटिंग 11 बजे से शाम 5 बजे तक चलेगी। अगले दो दिन भी समिति 25-25 नेताओं को दिल्ली बुलाकर उनसे बातचीत करेगी। जिन नेताओं को सोमवार को बुलाया गया है, उनके लिए न्यौता पंजाब कांग्रेस कार्यालय की ओर से जारी हुआ और बुलाए गए सभी नेता रविवार शाम नई दिल्ली पहुंच गए हैं। 

समिति ने मुलाकात के लिए केवल मौजूदा विधायक और मंत्रियों को न्यौता नहीं दिया, बल्कि मौजूदा सांसदों और पूर्व प्रदेश प्रधानों को भी बातचीत के लिए बुलाया है। पहले दौर के लिए जिन नेताओं से समिति मुलाकात करेगी, उनमें नवजोत सिंह सिद्धू, सुखजिंदर सिंह रंधावा, चरणजीत सिंह चन्नी, राजकुमार वेरका के नाम प्रमुख हैं। इन नेताओं को पार्टी के नाराज नेताओं की अग्रिम सूची में देखा जा रहा है। 

नवजोत सिद्धू ने ही बेअदबी और कोटकपूरा फायरिंग मामले को लेकर कैप्टन अमरिंदर सिंह के कामकाज पर सबसे पहले सवाल उठाते हुए उन्हें अयोग्य गृह मंत्री तक कह डाला था। वहीं कैबिनेट मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने बेअदबी के मुद्दे पर ही मंत्रिमंडल की बैठक के दौरान ही मुख्यमंत्री को अपना इस्तीफा थमा दिया था, जिसे कैप्टन ने नामंजूर कर दिया था। नाराज विधायकों-मंत्रियों की लगातार होने वाली बैठकों में चरणजीत सिंह चन्नी भी शामिल रहे हैं, जिनके खिलाफ राज्य महिला आयोग द्वारा अचानक ढाई साल पुराना मी-टू का केस खोलने के लेकर कांग्रेस में विवाद और गहरा गया था।

 इस बीच, समिति के सदस्यों से मुलाकात का दौर शुरू होता देख रविवार को सांसद प्रताप सिंह बाजवा ने सभी विधायकों और मंत्रियों को अपने जमीर की आवाज सुनने और बहादुर बनने का आह्वान किया। पूर्व प्रदेश प्रधान प्रताप बाजवा लंबे समय से कैप्टन के कामकाज पर उंगली उठाते रहे हैं। उन्हें कैप्टन से इस बात को लेकर सख्त नाराजगी है कि न तो प्रदेश से नशा खत्म हुआ और न ही बेअदबी के गुनाहगारों को सजा दिलाई जा सकी। उधर, विधायक परगट सिंह ने अपने फेसबुक वाल पर एक पोस्टर अपलोड किया- अहम मुद्दे खास बातचीत, पंजाबी हूं, पंजाबी में ही बात करेंगे। वहीं, एक विशेष बात यह भी है कि अपने ट्विटर हैंडल के जरिए लगातार कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ हमलावर रहे नवजोत सिंह सिद्धू हाईकमान द्वारा कमेटी गठित किए जाने के बाद से शांत हैं। उन्होंने कैप्टन पर निशाना साधते हुए बीते तीन दिन से कोई ट्वीट नहीं किया है।

सुनील जाखड़ भी नई दिल्ली रवाना
सूत्रों अनुसार प्रदेश प्रधान सुनील जाखड़ भी रविवार को दिल्ली के लिए रवाना हो गए। माना जा रहा है कि जाखड़ सोमवार को होने वाली बैठक में तीन सदस्यीय कमेटी के साथ प्रदेश कांग्रेस में छिड़े विवाद पर विस्तार से चर्चा करेंगे। यह भी पता चला है कि कुछ विधायक मौजूदा विवाद को लेकर अपना पक्ष लिखित में लेकर दिल्ली गए हैं और वह समिति के समक्ष अपना मत लिखित तौर पर ही दर्ज करा आएंगे। जाहिर है कि ऐसे विधायक किसी तरह के विवाद में नहीं उलझना चाहते।

आज बुलाए गए नेताओं में यह हैं शामिल
नवजोत सिंह सिद्धू, ब्रह्म मोहिंदरा, राणा गुरमीत सिंह सोढी, मनप्रीत सिंह बादल, सुखजिंदर सिंह रंधावा, राम आवला, गुरकीरत सिंह कोटली, सुंदर शाम अरोड़ा, राणा गुरजीत सिंह, अरुण डोगरा, राज कुमार चब्बेवाल, राणा केपी, अरुणा चौधरी, राजकुमार वेरका, राकेश पांडेय और चरणजीत सिंह चन्नी, ओपी सोनी, तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा।

हरीश रावत के बयान से कैप्टन खेमे को मिली मजबूती
 समिति के सदस्य राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे, वरिष्ठ नेता जयप्रकाश अग्रवाल और पंजाब के प्रभारी महासचिव हरीश रावत ने शनिवार को पहली बैठक की थी। इस बैठक के बाद हरीश रावत ने पार्टी को पूरी तरह व्यवस्थित करके चुनाव में उतरने की बात कही थी। यह भी संकेत भी दिए थे कि पार्टी की परंपरा के अनुसार पंजाब में भी 2022 के विधानसभा चुनाव कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में ही लड़े जाएंगे। रावत के इस बयान से कैप्टन खेमे ने राहत की सांस ली है। दूसरी ओर पंजाब कांग्रेस के अंतर्कलह का आधार भी केवल यही है कि कैप्टन जनता के किए वादे पूरे करने में असफल रहे हैं। नाराज नेताओं का कहना है कि कैप्टन की नाकामियों के कारण उनका जनता के बीच जाना मुश्किल हो रहा है। हालांकि हरीश रावत का यह भी कहना है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह पार्टी के लिए पिता तूल्य शख्सियत हैं, वहीं नवजोत सिंह सिद्धू भी पार्टी के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं।

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